(अगर मुर्गी को बिल्ली पकड़ ले तो खाना कैसा है ?)
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि बरकातूह
सवाल : क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसअला में कि अगर मुर्गे को बिल्ली पकड़ ले यानी काट ले तो उस मुर्गी को खाना उस पर फातिहा दिलाना कैसा है ?
साइल : मुहम्मद तअज़ीम रज़ा क़ादरी बलराम पुरी
व अलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि बरकातूह
जवाब : बिल्ली ने अगर मुर्गे को पकड़ कर ज़ख्मी कर दिया और ज़ख्मी होने के बाद फिर उसे शरई तौर पर ज़िब्ह कर लिया गया तो उसका खाना भी जायज़ है और उस पर फातिहा दुरुद भी जायज़ है और अगर ज़ख्मी होने के बाद वह मर गया तो हराम,
जैसा की साहिबे बहारे शरीअत सदरुश्शरिआ बदरुत्तरीक़ा अल्लामा मुहम्मद अमजद अली रहमतुल्लाहि तआला अलैह फरमाते हैं : हर दरिंदा जानवर से शिकार किया जा सकता है बशर्ते कि वह नजिसुल ऐन ना हो और उसमें तअलीम की क़ाबिलियत हो और उसे सीख भी लिया हो।
दरिंदा की दो किस्में है : (1) चौपाया जैसे कुत्ता वगैरा जिसमें किला होता है (2) पंजा वाला परिंदा जैसे बाज़ शिकरा वगैरा जिस दरिंदा में क़ाबिलियत तअलीम ना हो उसका शिकार हलाल नहीं मगर इस सूरत में की शिकार पकड़ कर ज़िब्ह कर लिया जाए।
(बहारे शरीअत जिल्द 3 सफा 683)
और रहा यह शुब्ह कि ज़ख्मी करने की सूरत में शिकारी जानवर का दांत और लुआब का लगना जिन में से बाज़ का लुआब मकरूह और बाज़ नापाक होता है लिहाज़ा वह शिकार को भी मकरूह व नापाक कर देगा।
तो इस तअल्लुक़ से सरकारे आला हज़रत अज़ीमुल बरकत मुजद्दिदे दीनों मिल्लत इमाम अहमद रज़ा खान फाज़िले बरेलवी रहमतुल्लाहि तआला अलैह फरमाते हैं : कि यह दो वजह से गलत है अव्वलन शिकार हालते गज़ब में होता है और गज़ब के वक़्त उसका लुआब खुश्क हो जाता है।
"ولذا جمع من العلما ٕ فی اخذہ طرف الثوب ملاطفا فینجس او غضبان فلا"
सानियन अगर लुआब लगा भी तो आखिर जिस्म से खून भी निकलेगा वह कब पाक है जब उस से तहारत हासिल होगी उस से भी हो जाएगी।
(फतावा रज़विया जिल्द 14 सफा 544)
वल्लाहु आलमु बिस्सवाब
अज़ क़लम : मुहम्मद साजिद चिश्ती शाहजहांपुरी
हिंदी अनुवादक : मुहम्मद रिज़वानुल क़ादरी अशरफी सेमरबारी दुदही कुशीनगर
मुक़ीम : पुणे महाराष्ट्र
22 माहे सफर 1447 हिजरी मुताबिक़ 17 अगस्त 2025 ब रोज़ इतवार
मिन जानिब : मसाइले शरइय्या ग्रुप