(तअलीम व तरबियत)
जब सरकार सैय्यद मखदूम अशरफ जहांगीर सिमनानी रज़ि अल्लाहु अन्ह की उम्र शरीफ 4 साल 4 माह की हुई यानी 712 हिजरी में हज़रतुल अल्लाम हज़रत इमादुद्दीन तबरेज़ी ने रस्में "बिस्मिल्लाह" के फराएज़ अंजाम दिए दुसरे दिन आप के वालिदे ग्रामी सैय्यद इब्राहिम नूर बख्शी रज़ि अल्लाहु अन्ह ने अपने मुअतमद खास और वफा शआर खादिम शैख नसरुद्दीन रज़ि अल्लाहु अन्ह के साहबज़ादे शैख मुईन बाबा हसन खादिम के साथ उस्तादुल उलमा हज़रत अलाउद्दौला सिमनानी के मकतब में जाने का इज़्न दिया।फिर जब सरकार सैय्यद मखदूम अशरफ जहांगीर सिमनानी रज़ि अल्लाहु अन्ह की उम्र मुबारक 7 साल की हुई यानी 715 हिजरी में क़ुरआन करीम 7 क़िरात में हिफज़ कर लिया और जब 14 साल की उम्र हुई यानी 722 हिजरी में उस वक़्त के तमाम उलूम व फुनून में दस्तार हासिल कर लिया मनक़ूलात व मअक़ूलात के अलावा फन सिपहगरी, शहसवारी, तैराकी, तीर अंदाज़ी वगैरा में अपना सानी नहीं रखते।