किस सूरत में कफन फरोख्त की गवाही मक़बूल नहीं है?

0
किस सूरत में कफन फरोख्त की गवाही मक़बूल नहीं है?

 सवाल  किस सूरत में कफन और मुर्दा की खुशबू फरोख्त करने वाले मुसलमान की ग्वाही मक़बूल नहीं है ?

 जवाब   जब कि वह इस इंतज़ार में रहता हो कि कोई मरे और कफन फरोख्त हो

 दुर्रे मुख्तार जिल्द ८ सफा २२७ में है 

 وکذا بائع الاکفان والحنوط لتمنیه الموت " اھ

 और बहारे शरीअत हिस्सा १२ सफा ९५२ में है 
 जिस का पेशा कफन और मुर्दा की खुशबू बेचने का हो कि वह इस इंतज़ार में रहता हो कि कोई मरे और कफन फरोख्त हो उस की गवाही मक़बूल नहीं,

واللہ تعا لیٰ اعلم بالصواب
मिन जानिब 
 ज़हनी अज़माईश उर्दू ग्रुप

हिन्दी ट्रानलेट 
मौलाना रिज़वानुल क़ादरी अशरफी सेमरबारी  


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
एक टिप्पणी भेजें (0)
AD Banner
AD Banner AD Banner
To Top