अज़ान के अल्फाज़ में तक़दीम व ताखीर हुई तो नमाज़ का क्या हुक्म है?

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अज़ान के अल्फाज़ में तक़दीम व ताखीर हुई तो नमाज़ का क्या हुक्म है?

 सवाल   अज़ान के अल्फाज़ में तक़दीम व ताखीर यानी कलमे आगे पीछे हो जाएं और अज़ान का एआदा नही किया गया नमाज़ पढ़ ली गई तो नमाज़ का क्या हुक्म है ?

 जवाब   अज़ान में तक़दीम व ताखीर हुई और दुरुस्त किए बगैर नमाज़ पढ़ ली तो नमाज़ में कोई नुक़्स नहीं नमाज़ बिला कराहत हो जाएगी, बहारे शरीअत हिस्सा २ सफा ४७३ में है  अगर कलिमाते अज़ान या अक़ामत में किसी जगह तक़दीम व ताखीर हो गई तो उतने को सही कर ले सिरे से एआदा की हाजत नहीं और अगर सही ना किए और नमाज़ पढ़ ली तो नमाज़ के एआदा की हाजत नहीं,

 फतावा अलमगीरी जिल्द १ सफा ६२ में है 

ویرتب بین کلمات الا ذان والا قامۃ کما شرع کذا فی محیط السرخی، واذا قدم فی اذانہ اوفی اقامتہ بعض الکلمات علی بعض نحوان یقول اشھدان محمد اً رسول اﷲ قبل قولہ اشھد ان لا الہ الا اللّٰہ فالافضل فی ھذا ان ما سبق علیٰ اوا نہ لا یعتد بہ حتیٰ یعیدہ فی ادانہ ومو ضعہ وان مضیٰ علیٰ ذلک جازت صلوٰتہم کذا فی المحیط۔واللہ تعا لیٰ اعلم بالصواب


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