(शादी में बेड को फूलों से सजाना कैसा है ?)
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि बरकातूहसवाल : क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसअला के बारे में कि शादी के दिन दूल्हे का रूम सजाया जाता है और फूलों से बेड सजाया जाता है क्या ऐसा करना दुरुस्त है ? या इसराफ है रहनुमाई फरमाएं
साइल : मोहम्मद गुलाम मुस्तफा जौनपुर यू पी
व अलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि बरकातूह
जवाब : जिस चीज़ की हिल्लत व हुरमत क़ुरआन व सुन्नत से साबित ना हो और उस के करने में ना सवाब हो और ना करने में गुनाह हो उस काम को करना मुबाह है शादी ब्याह घर सजाना दूल्हे को सहारा पहनाना और बेड रूम सजाना यह सब मुबाह है। हुज़ूर सदरुश्शरिआ बदरुत्तरीक़ा मुफ्ती मुहम्मद अमजद आज़मी अलैहिर्रहमा से मकान के सजाने के बारे में सवाल किया गया तो जवाब में फरमाते हैं मकान में ज़ी रूह की तस्वीर लगाना जायज़ नहीं और गैर ज़ी रूह की तस्वीर से मकान का आरास्ता करना जायज़ है जैसा की तुगरे और कुतबो से मकान सजाने का रिवाज है।(बहारे शरीअत जिल्द 3 हिस्सा 16 ज़िनत का बयान)
अलबत्ता फूलों के ऊपर से गुज़रना राह में बिछाना मना है इस से परहेज़ करें.वल्लाहु तआला व रसूलुहू आलमु बिस्सवाब
अज़ क़लम
मुहम्मद इमरान क़ादरी तन्वीरी अफा अन्ह
हिंदी अनुवादक
मुहम्मद रिज़वानुल क़ादरी अशरफी सेमरबारी दुदही कुशीनगर
मुक़ीम : पुणे महाराष्ट्र
20 ज़िला क़अदा 1446 हिजरी मुताबिक़ 19 मई 2025 ब रोज़ सोमवार
मीन जानिब
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