दूध पीने का ज़माना 01
सब से पहले हुज़ूर ﷺ ने अबू लहब की लौंडी "हज़रते षुवैबा" का दूध नोश फ़रमाया फिर अपनी वालिदए माजिदा हज़रते आमिना के दूध से सैराब होते रहे, फिर हज़रते हलीमा सादिया आप को अपने साथ ले गई और अपने क़बीले में रख कर आप को दूध पिलाती रहीं और इन्हीं के पास आप ﷺ के दूध पीने का ज़माना गुज़रा। शुरफ़ाए अरब की आदत थी कि वोह अपने बच्चों को दूध पिलाने के लिये गिर्दो नवाह देहातों में भेज देते थे देहात की साफ़ सुथरी आबो हवा में बच्चों की तन्दुरुस्ती और जिस्मानी सिहत भी अच्छी हो जाती थी और वोह ख़ालिस और फ़सीह अरबी ज़बान भी सीख जाते थे क्यूं कि शहर की ज़बान बाहर के आदमियों के मेलजोल से ख़ालिस और फ़सीह व बलीग ज़बान नहीं रहा करती।
(क़िताब :- सीरते मुस्तफा (ﷺ) सफ़ह - 74)
मौलाना अब्दुल लतीफ नईमी रज़वी क़ादरी
बड़ा रहुवा बायसी पूर्णियाँ