इमाम पांचवीं रकात का सजदा कर लिया और कुछ मुक़तदी क़ाएदा में रहे तो क्या हुकुम है?

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इमाम पांचवीं रकात का सजदा कर लिया और कुछ मुक़तदी क़ाएदा में रहे तो क्या हुकुम है


 सवाल  इमाम क़ाएदा आखिरा भूल गया और पांचवी रकात का सजदा कर लिया और कुछ मुक़तदियो ने चौथी रकात में तशहुद पढ़ कर सलाम फेर लिया तो उन मुक़तदियों की नमाज़ का क्या हुक्म है

 
 जवाब  सूरते मसऊला में इमाम व जुम्ला मुक़तदियों की नमाज़ फासिद हो गई,

 फतावा हिंदिया में है 
 ولولم یقعد الإمام علی الرابعة وقام إلی الخامسه  ساھیاً وتشھد المقتدی  ثم قید الإمام خامسه بالسجدۃ فسدت  صلاتھم کذا فی الخلاصة

 (الفتاوی الھندیۃ‘‘، المجلد الاول صفحہ ۱۰۰  کتاب الصلاۃ)

 और बहारे शरीअत में है 
 अगर क़ाएदा आखिरा नहीं किया था और पांचवीं रकात का सजदा कर लिया तो सब की नमाज़ फासिद हो गई, अगर्चे मुक़तदियों ने तशहुद पढ़ कर सलाम फेर लिया हो,

 (बहारे शरीअत जिल्द १ हिस्सा ३ सफा ५९५ /जमाअत का बयान)

         والله تعالی اعلم بالصواب

 मिन जानिब  ज़हनी अज़माईश उर्दू ग्रुप

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