(तुझे खुदा ने तलाक दी कहने से तलाक होगी ?)

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(तुझे खुदा ने तलाक दी कहने से तलाक होगी ?)

किया फरमाते हैं उलमाए दीन इस मसअला के बारे में कि अगर किसी ने अपने बीवी से कहा कि तुझे ख़ुदा ने तलाक़ दी तो किया तलाक़ हो जाएगी?जवाब इनायत फरमाएं बहुत मेहरबानी होगी 

साइल:-मुहम्मद ग़ुलाम रसूल (इंडिया)

बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम 

अल'जवाब :- सुरते मसऊला में एक तलाक़े रजई वाक़े होगी चुनांचे अल्लामा निज़ामुद्दीन हंफी (वफ़ात 1092 हिजरी) और उलमाए हिन्द की एक जमाअत ने लिखा है 

رجل قال لامرأته طلقك الله تعالى تطلق وإن لم ينو كذا في الخلاصة. وهو الأصح هكذا في المحيط
(फ़तावा हिन्दिया पार्ट 1 पेज़ नo 359)

यानि अगर किसी आदमी ने अपनी पत्नी से कहा "अल्लाह पाक ने तुझे तलाक़ दी" तो तलाक़ वाक़े हो जाएगी अगरचे उसने नियत न की हो, ऐसा ही "खुलासा" में है और यही क़ोल (बात) ज़्यादा दुरस्त है, ऐसा ही मुहीत में है,
और सदरुश शरीअह मुफ्ती मुहम्मद अमजद अली आज़मी हंफी (वफ़ात 1367 हिजरी)  रद्दूल मुहतार के हवाले से लिखते हैं, अगर कहा तुझे ख़ुदा तलाक़ दे तो वाक़े न होगी और यूँ कहा कि तुझे ख़ुदा ने तलाक़ दी तो हो गई,
(बहारे शरीअत पार्ट 2 पेज़ नo 119)

लिहाज़ा अगर इद्दत बाक़ी हो तो पति को रुजूअ (ध्यान देने का,वापस लौटने का) एख्तियार हासिल है, जिसका तरीक़ा यह है कि वह पत्नी से कह दे "मैने तुझसे रुजुअ किया" और बेहतर यह है कि दो आदिल (नेक,परहेज़गार) गवाहों की मौजूदगी में यह बात कहे इस सूरत में औरत बदस्तूर उस की पत्नी शुमार रहेगी, और अगर इद्दत मुकम्मल हो चुकी हो तो पति, पत्नी की रजामंदी से नए महर के साथ दोबारा उससे निकाह करके उसे अपने साथ रख सकता है, लेकिन दोनों सूरतों में पति के लिये आइंदा (बाद में) सिर्फ दो तलाक़ का एख्तियार बाक़ी रहेगा, इस शर्त पर कि इससे पहले कोई तलाक़ न दी गई हो, तो जब भी वह दो तलाकें देगा तो औरत उस पर हुरमते मुगल्लज़ा (मुकम्मल तौर पर) हराम हो जाएगी, और फ़िर शरई हलाला के बगैर निकाह मुमकिन न होगा।वल्लाहु तआला आलमु बिस्सवाब 
लेखक 
मुहम्मद उसामा क़ादरी (कराची) 
हिन्दी अनुवादक
 मुजस्सम हुसैन मिस्बाही (गोड्डा झारखण्ड) 
दिनांक:  11 जुलाई 2025
( मसाइले शरईया ग्रुप )
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