अय्यामे मुहर्रम में कितने रोज़े रखे जाएं?

0

अय्यामे मुहर्रम में कितने रोज़े रखे जाएं


 सवाल: मुहर्रमुल हराम के रोज़े के बारे में हदीस शरीफ में क्या फज़ीलत है और कितने दिन रोज़ा रखना मुस्ताहब है इस महीने में, बता दें मेहरबानी होगी
 साईल: अहमद हुसैन रज़वी (घोसी)

 जवाब: एक शख्स मज़कूरा नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाह में हाज़िर हुआ और अर्ज़ की कि या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम रमज़ान के अलावा किस महीने में रोज़े रखूं ? इरशाद फरमाया कि अगर तुमने रमज़ान के बाद किसी महीने के रोज़े रखने हो तो मोहर्रम के रोज़े रखो, यह अल्लाह पाक का महीना है इस महीने में 1 दिन है जिस में अल्लाह पाक ने एक क़ौम की तौबा क़ुबूल की और दूसरों का भी तोबा क़ुबूल फरमाएगा नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया माहे रमज़ान के बाद सब से अच्छा अफज़ल रोज़े अल्लाह पाक के महीने के रोज़े हैं और फर्ज़ नमाज़ के बाद सब से अफज़ल नमाज़ रात की नमाज़ है (फैज़ाने मोहर्रम सफा नंबर 3 ता 4 नाशिर मकतबा दावते इस्लामी)
 من صلی یوم عاشورہ أربع رکعات فقراءفی کل رکعة فاتحةالکتاب وقل ھو اللہ أحد إحدى عشر مرات غفراللہ لہ ذنوب خمسين عاما وبنی له منبرامن نور
तर्जुमा  जिसने आशूरा के दिन 4 रकात नमाज़ अदा की कि हर रकात में सूरह फातिहा और क़ुल हु आल्लाहू अहद 11 बार पढ़ा तो अल्लाह तआला उस के 50 साल के गुनाह सगाईर माफ फरमा देगा और उस के लिए नूर का एक मेंबर तैयार किया जाएगा(नुजहतुल मजालिस)

 यौमे आशूरा का रोज़ा रखे और उस के साथ नौवीं या 11 वीं मुहर्रमुल हराम का रोज़ा भी मिला लीजिए और हज़रत सैयदना अली मुर्तज़ा रज़ि अल्लाहू तआला अन्हू का फरमान है कि जो आशूरा के दिन हज़ार मर्तबा सूरह इखलास पढ़े उसकी तरफ रहमान (अल्लाह पाक) नज़र रहमत फरमाए गा, और जिस की तरफ रहमान नज़र रहमत फरमाए गा उसे कभी आज़ाब नहीं देगा(हवाला फैज़ाने मोहर्रम सफा नंबर 11 मकतबा दावते इस्लामी)
والله تعالی اعلم بالصواب

 अज़ क़लम 
 फक़ीर मोहम्मद अशफाक़ अत्तारी

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
एक टिप्पणी भेजें (0)
AD Banner
AD Banner AD Banner
To Top