चाश्त की नमाज़ के फज़ाईल और वक्त

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चाश्त की नमाज़ के फज़ाईल और वक्त


सवाल:नमाज चाश्त के फज़ाईल क्या हैं और उसका वक्त कब से कब तक रहता है?

जवाब:हदीस शरीफ मैं है जिसने चाश्त की 12 रकअतें पढ़े अल्लाह पाक उसके लिए जन्नत में सोने का महल बनाएगा (बाहर ए शरीयत हिस्सा 4)

अहमद व तिर्मिज़ी व इब्न माजा अबू हूरैरा रज़ि अल्लाहु ताला अन्हु से रावी कि फरमाते हैं सल्लल्लाहो ताला अलैहे वसल्लम जो चाश्त 2 रकातों पर मुहाफीज़त करे उसके गुनाह बख्श दिए जाएंगे अगर चे समंदर के झाग़ के बराबर हों.(बाहर ए शरीयत हिस्सा 4)

 सही मुस्लिम शरीफ में अबूजर रज़ि अल्लाहु ताला अन्हु से मरवी कि फरमाते हैं रसूल सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम आदमी पर उसके हर जोड़े के बदले सदक़ा है (और कुल 360 जोड़ हैं) हर तस्बीह सदका है और हर हमद सदक़ा का है और (ला इलाह इलल्लाह कहना सदक़ा है और अल्लाहु अकबर कहना सदक़ा है और बुरी बात से मना करना सदक़ा है और इन सब की तरफ से 2 रकात चाश्त की किफायत करती है (हवाला बहार ए शरीयत हिस्सा 4 सफा 679)

 इसका वक्त आफताब बुलंद होने से जवाल यानी निसफुन्नहार शरई तक है और बेहतर यह है कि चौथाई दिन चढ़े पढ़े (बाहर ए शरीयत हिस्सा 4 सफा 679)

यह भी सुन्नत है कम से कम दो और ज्यादा से ज्यादा 12 रकअतें हैं और अफज़ल 12 है (बाहर ए शरीयत हिस्सा 4)

 अज़ कलम 
 सैयद फैज़ानुल क़ादरी

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