(क्या इमामत के लिए उर्दू लिखना पढ़ना शर्त है ?)
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि बरकातूहसवाल : क्या फरमाते हैं उलमा ए दिन इस मसअले के बारे में कि इमाम उर्दू लिखना नहीं जानता है उसकी इमामत का क्या हुक्म होगा ? और क्या वह हिंदी में निकाह का फॉर्म भर सकता है ?जवाब इनायत फरमाएं मेहरबानी होगी
साइल : गुलाम मुरसलीन बदायूनी
व अलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि बरकातूह
जवाब : इमामत के लिए उर्दू लिखना शर्त नहीं अगर इमामत की सारी शर्तें पाई जाती हैं तो उस के पीछे नमाज़ हो जाएगी ।
"मराक़ी अल फलाह" सफा 108 में है
(وشرط صحتہ الا مامتہ للر جال الا صحاء سنتہ اشیاء ، الا سلام والبلوغ والعقل والذکورتہ والقراء ) بحفظ آیتہ تصح بھا الصلوٰۃ ( والسلامتہ من الا عذار)
यानी इमामत के लिए 6 शर्तें हैं
(1) मुसलमान, किसी गैर मुस्लिम की इमामत दुरुस्त नहीं
(2) बालीग़, नाबालिग़ की इमामत भी जायज़ नहीं
(3) मर्द होना है
(4) आक़िल होना
(5) बक़दरे फर्ज़ क़ुरआन करीम पढ़ने पर क़ादिर होना
(6) तंदुरुस्त मुक़तदियों के लिए एअज़ार मुस्तक़िला से महफूज़ रहना
इमाम ऐसा हो जो मसाइले नमाज़ और मसाइले तहरात पर वाक़िफ और बा खबर हो और मुत्तक़ी और परहेज़गार और जुमला अहकामे शरइय्या पर आमिल और पाबंद हो और तमाम मुआसी और गुनाह के कामों से इजतिनाब करने वाला हो, हर क़िस्म की फिस्क़ व फुजूर से महफूज़ हो।
निकाह का फॉर्म हिंदी इंग्लिश जिसमें चाहे लिख सकता है कोई हर्ज नहीं।.वल्लाहु आलमु बिस्सवाब
अज़ क़लम
मुहम्मद मासूम रज़ा नूरी
3 शअबान 1446 हिजरी
3 शअबान 1446 हिजरी
मुताबिक़ 2 फरवरी 2025 ब रोज़ इतवार
हिंदी अनुवादक
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मुहम्मद रिज़वानुल क़ादरी अशरफी सेमरबारी दुदही कुशीनगर
मुक़ीम : पुणे महाराष्ट्र
7 रमज़ान 1446 हिजरी
मुक़ीम : पुणे महाराष्ट्र
7 रमज़ान 1446 हिजरी
मुताबिक़ 8 मार्च 2025 ब रोज़ सनीचर
मीन जानिब
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